मुख्यमंत्री के दूसरे पीएसओ को भी गैलेंट्री प्रमोशन, बदमाशों से लोहा लेने वालों को माना अपात्र

ओमप्रकाश शर्मा
मुख्यमंत्री के दूसरे पीएसओ को भी गैलेंट्री प्रमोशन देकर उप अधीक्षक बनाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय की ओर से भेजे गए छह नाम में से सरकार ने पीएसओ सहित दो निरीक्षक को ही गैलेंट्री का पात्र माना है। इनकी पदोन्नति के लिए फाइल आरपीएससी को भेजी गई है। राजू ठेहट के हत्यारों का पकड़ने और भांकरोटा में फायरिंग कर कुख्यात बदमाश को पकड़ने जैसे साहसिक काम करने वालों के प्रस्ताव राज्य सरकार ने खारिज कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि एक पीएसओ को पांच माह पहले ही गैलेंट्री प्रमोशन दिया गया था।
पुलिस मुख्यालय ने गत दिनों जिन निरीक्षकों को पदोन्नत करने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा था, उनमें जयपुर कमिश्नरेट से बृजभूषण, सीकर से मनीष शर्मा व हिम्मत सिंह, सीआईडी से रामसिंह नाथावत, एटीएस से उमेश गौतम तथा आईबी से नीरज मेवानी शामिल थे। पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को गृह विभाग ने अन्तिम मुहर के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा था। जहां गैलेंट्री प्रमोशन के लिए उमेश गौतम और नीरज मेवानी को ही पात्र माना गया।
नीरज मेवानी अभी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हैं। उनको गैलेंट्री के लिए पहले भी प्रस्ताव भेजा गया था, हालांकि उस समय इसे स्वीकार नहीं किया गया था। उनके साथ पदोन्नत होने वाले निरीक्षक उमेश गौतम का काम एटीएस में रहने के दौरान गैलेंट्री योग्य माना गया है। वे अभी आरपीए में तैनात हैं।
कुख्यात आरोपियों को पकड़ने वाले नहीं माने साहसिक
पुलिस निरीक्षक बृजभूषण, रामसिंह नाथावत, राम सुमेर, मनीष शर्मा व हिम्मत सिंह को गैलेंट्री प्रमोशन देने के प्रस्ताव सरकार ने खारिज कर दिया। बृजभूषण ने बगरू में पोस्टिंग के दौरान फायरिंग कर एक कुख्यात आरोपी को पकड़ा था। मनीष शर्मा व हिम्मत सिंह ने सीकर में पोस्टिंग के दौरान राजू ठेहट सहित दो लोगों की हत्या कर फरार हुए आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी तरह सीआईडी में तैनात रामसिंह नाथावत ने सौ करोड़ की हेरोइन और सौ करोड़ की अफीम व अवैध हथियार बरामद किए थे। राम सुमेर ने भी अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। इन सभी को सरकार ने गैलेंट्री का पात्र नहीं माना है।
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