एआइ के जरिए अश्लील तस्वीरें बनाकर बच्चों का यौन शोषण
लंदन. बच्चों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरनेट वॉच फाउंडेशन (आइडब्ल्यूएफ) का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिए बच्चों की अश्लील तस्वीर बनाकर उनके यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इंटरनेट पर एआइ से तैयार ऐसी तस्वीरों की बाढ़ आ रही है। फाउंडेशन ने हाल ही पहली बार इन तस्वीरों पर नजर रखना शुरू किया। उसने पाया कि इस काम में लगे लोग एआइ से बनी तस्वीरों की गैलरी बनाकर इंटरनेट पर शेयर कर रहे हैं। इस मामले में संगठन जल्द ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिलेगा।
इंटरनेट वॉच फाउंडेशन इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट हटाता है।यह दुनिया के उन तीन चैरिटी संगठनों में से एक है, जिन्हें इंटरनेट पर बच्चों के यौन शोषण से जुड़े कंटेंट को मॉनिटर करने का लाइसेंस मिला हुआ है। फाउंडेशन ने 24 मई से एआइ से जुड़ी तस्वीरों को तलाशना शुरू किया था और 30 जून तक इसके विश्लेषकों ने 29 वेबसाइट को खंगाल लिया था। इस दौरान ऐसे सात पेज पाए गए, जो एआइ से बनाई गई तस्वीरों की गैलरी शेयर कर रहे थे। फाउंडेशन के मुताबिक हमारे पास इस उभरती तकनीक से आगे निकलने का मौका है, लेकिन कानून को नई चुनौती से निपटने के लिए तैयार होना होगा।
सेल्फ जेनरेटेड तस्वीरों को लेकर दिखा ट्रेंड
इंटरनेट वॉच फाउंडेशन की सीईओ सुजी हरग्रीव्स का कहना है कि उनके विश्लेषकों ने यौन शोषण से जुड़ी इस तरह की सेल्फ जेनरेटेड तस्वीरों को लेकर एक ट्रेंड देखा है। इसमें बच्चे को मजबूर कर अपनी तस्वीरें उन लोगों तक भेजने का दबाव डाला जाता है, जो उनका दुरुपयोग करते हैं। आने वाले समय में अपराधी बड़ी संख्या में बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी तस्वीरें इंटरनेट पर डाल सकते हैं।
2022 में ढाई लाख वेब पेज हटाए
इंटरनेट वॉच फाउंडेशन ने पिछले साल करीब ढाई लाख ऐसे वेब पेज हटाने की कार्रवाई की, जिनमें बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी तस्वीरें थी। बच्चों का शिकार करने वाले अपराधियों की बातचीत को रिकॉर्ड भी किया गया, जिसमें बताया जा रहा था कि बच्चों की ज्यादा जीवंत तस्वीरें कैसे बनाई जाएं।
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