सीआरपीएफ की पूरी बटालियन को उड़ाने का बनाया था प्लान, 8 साल बाद इस तरह गिरफ्तार हुआ

नई दिल्ली।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक पहले गंगटा जाने वाली सडक़ पर लैंडमाइंस विस्फोट और फायरिंग कर सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाने वाले नक्सली धर्मेंद्र कोडा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सीआरपीएफ और जिला पुलिस के जवानों ने धर्मेंद्र को लक्ष्मीपुर इलाके से गिरफ्तार किया।
मतदान कर्मियों और सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाने के लिए उद्देश्य से किए गए लैंडमाइंस विस्फोट में सीआरपीएफ के दस जवान घायल हुए थे। आठ साल बाद तलाशी अभियान चलाकर सुरक्षाबलों ने विस्फोट की घटना को अंजाम देने वाले नक्सली धर्मेंद्र कोडा को गिरफ्तार किया है। यह घटना दस अप्रैल 2014 की है।
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नक्सलियों ने जमुई जिले के लक्ष्मीपुर और मुंगेर जिले के गंगटा थाना के बीच सड़क मार्ग के जंगल में सवा लाख बाबा के पास अहले सुबह लैंडमाइंस विस्फोट किया था। नक्सलियों की साजिश थी कि मतदान कराने के लिए जाने वाले पोलिंग पार्टी और जवानों को नुकसान पहुंचाया जाए।
उस दिन उस रास्ते से सीआरपीएफ के 131 बटालियन के जवान और पोलिंग पार्टी गुजर रहे थे। तभी सवा लाख बाबा के पास लैंडमाइंस विस्फोट हुआ था और नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें 10 जवान घायल हो गए थे। इस घटना में कुछ नक्सलियों के भी घायल होने की सूचना मिली थी। उस मामले की प्राथमिकी गंगटा थाना में दर्ज कराई गई थी। उसी कांड में गिरफ्तार नक्सली धर्मेंद्र कोड़ा भी शामिल था।
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सीआरपीएफ 215 बटालियन की के कमांडेंट मुकेश कुमार के निर्देश पर सुरक्षाबलों ने धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया है। मामले में एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि गुप्त सूचना थी कि हार्डकोर नक्सली धर्मेंद्र कोड़ा इसी इलाके में है, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है। कांड दर्ज मुंगेर जिले के गंगटा थाना में हुआ था। गिरफ्तारी के बाद उसे वहां की पुलिस को सौंप दिया गया है।
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