महाराष्ट्र की 'लेडी सिंघम' ने की 'खुदकुशी', सुसाइड नोट में अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
नई दिल्ली। अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमआरटी) में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पर तैनात 28 वर्षीय महिला रेंजर ने कथितरूप से आत्महत्या कर ली है। वन अधिकारी की आत्महत्या की खबर सुनकर वन विभाग में सनसनी फैल गई है। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उन्होंने भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।
28 वर्षीय दीपाली चव्हाण-मोहिते अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमआरटी) में तैनात थीं। गुरुवार रात उन्होंने हरिसल गांव स्थित अपने सरकारी क्वार्टर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली और मौके पर ही दम तोड़ दिया। बंदूक के साथ उनका खून से लथपथ शव उनके घर से बरामद किया गया। बाद में शव को परिवार वालों को सौंप दिया गया।
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बता दें कि दीपाली चव्हाण-मोहिते एक निडर महिला थीं। वह हमेशा वन माफियाओं के खिलाफ खड़ी होकर काम करती थीं। उनकी इसी बहादुरी को देखकर लोग उन्हें 'लेडी सिंघम' के नाम से जानते थे। दीपाली के पति राजेश मोहिते चिखलधारा में एक ट्रेजरी ऑफिसर की पोस्ट पर हैं। बताया जाता है कि जब उन्होंने यह घातक कदम उठाया था उस दौरान उनकी मां सतारा भी घर पर मौजूद नही थी।
दीपाली की अचानक हुई मौत से पूरा वन विभाग सदमे में है, साथ ही परिवार के लोग भी पूरी तरह से टूट गए हैं। शुक्रवार को परिजनों ने सुसाइड नोट में नामजद आरोपियों के गिरफ्तार ना होने तक दीपाली का शव को लेने से इनकार कर दिया। दीपाली ने मरने से पहले चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था जिसमें डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (डीसीएफ) विनोद शिवकुमार पर कई बड़े गंभीर आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि कोई ओर दूसरा इसका शिकार न बने।
अमरावती पुलिस ने शिवकुमार को नागपुर रेलवे स्टेशन पर धर धबोचा है जो बेंगलुरु भाग जाने की तैयारी कर रहा था।
बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से दीपाली शिवकुमार की हरकतों से परेशान थी और उन्होंने इसकी शिकायत अपने वरिष्ठ, एमटीआर फील्ड निदेशक, एमएस रेड्डी से करते हुए बताया था कि शिवकुमार शराब पीकर सार्वजनिक और निजी तौर पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करता था और फिजिकल होने का संकेत देता था। हालांकि, दीपाली ने उसे इस हरकत पर फटकार लगाई थी, जिसकी कीमत उन्हें कठिन वर्क शेड्यूल, उत्पीड़न और एक माह की सैलरी को होल्ड करके चुकानी पड़ी थी। दीपाली द्वारा की गई शिकायत को सुनकर भी एमएस रेड्डी ने कथित तौर पर उनकी दलीलों को नजरअंदाज किया।
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