नए आइटी नियमों का किया उल्लंघन तो होगी एक वर्ष से उम्र कैद तक की सजा
केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस जारी की गईं। साथ ही ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए नियम भी बनाए गए। नए आइटी नियमों के उल्लंघन पर पहले से ही एक साल से आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। पेश है नए नियमों को लेकर मुकेश केजरीवाल की साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल से बातचीत के मुख्य अंश...
नए नियमों में सजा का क्या प्रावधान है?
इन नियमों में अलग से किसी सजा या जुर्माने का उल्लेख नहीं किया है। कहा गया है कि इनके उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) व सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इन नियमों के पालन के प्रभावी तरीकों को लेकर भी स्पष्टता नहीं है।
नए नियम आम लोगों के लिए मददगार होंगे?
अब तक सोशल मीडिया पर डाली गई मानहानि वाली सामग्री संबंधित सोशल मीडिया कंपनी नहीं हटाती थी। कहा जाता था कि कोर्ट या सरकार के आदेश लाइए। अब अगर आपके बारे में कोई अश्लील सामग्री या निजता का उल्लंघन करने वाली सामग्री प्रस्तुत की जाए या जिसमें नग्नता हो, तो आप कंपनी को लिखित शिकायत दे सकते हैं व कंपनी को संबंधित सामग्री 24 घंटे में हटानी होगी। नहीं तो कंपनी के खिलाफ भी वही कार्रवाई की जाएगी, जो सामग्री डालने वाले के खिलाफ होगी।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए प्रावधानों में क्या बदलाव हैं?
नए नियम कह रहे हैं कि अगर सेवा प्रदाता ने नए नियमों का पालन नहीं किया तो सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) कानून की धारा 79 के तहत मिला उनका सुरक्षा कवच हट जाएगा।
आइटी एक्ट व आइपीसी में कितनी सजा का प्रावधान है?
आइटी एक्ट में तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और एक लाख से दस लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। आइपीसी में एक साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है। आइपीसी में जुर्माने की राशि कम है। उधर, आइटी कानून में अधिकांश अपराध जमानती हैं।
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