नीमच. जिले में गौ वंश को बेहतर माहौल देने के लिए सरकारी गौशाला का निर्माण तो किया, लेकिन इनमें बेहतर संसाधन का अभाव है। अब तक इन गौशाला में बिजली से लेकर पानी की व्यवस्था करने में जिम्मेदार सफल नहीं हो पाए। कुल 22 सरकारी गौशाला का निर्माण हुआ, इसमें से 20 का पंजीयन कराया, जब बारी इनको संचालन करने की आई तो शुरू सिर्फ दो हो पाई। लाखों रुपए व्यय के बाद भी बनी हुई गौशाला का उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदारों को इस और ध्यान देने की जरूरत है। जिले में यहां-वहां विचरण करने वाले गौवंशीय को आश्रय देने के लिए लाखों रुपए का व्यय कर गौशाला का निर्माण तो किया, लेकिन इनके के संचालन में लापरवाही जारी है। शहर के मुख्य मार्ग हो या गली, खेत खलिहान हो या गांव की पगडंडी, मवेशियों के झूंड के झूंड के आने से आमजन परेशान है। शहर में जहां रोड के मवेशी सुंदरता में बाधक है व कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते है तो अंचल में ये एक साथ खेत में जाकर उपज को नुकसान पहुंचा रहे है। दूसरी तरफ शासन की योजना के बाद लाखों रुपए का व्यय कर इन गौशाला का निर्माण तो कर दिया, लेकिन जब बारी उपयोग की आई तो अब तक जिम्मेदार कुछ करन...